PCB The Heart of Sujangarh

PCB The Heart of Sujangarh

11

01568220158

Station Road, Sujangarh, India -

Is this your Business ? Claim this business

Reviews

Overall Rating
4

11 Reviews

5
0%
4
0%
3
0%
2
0%
1
0%

Write Review

150 / 250 Characters left


Services

Questions & Answers

150 / 250 Characters left


About PCB The Heart of Sujangarh in Station Road, Sujangarh

राजश्री बीकानेर नें 1884 में सुजानगढ़ की पहली स्कूल " ग्रामीण पौशाल " खोली। मिडिल स्कूल की अवस्था तक यह विद्यालय पुरानें गढ़ में चलता था। 1937 में महाराजा गंगासिंह नें बीकानेर राज की स्वर्ण जयन्ती मनाई , उसी समय बगड़िया परिवार नें नए भवन के निर्माण का संकल्प ले लिया था। जब 1939 में भवन बनकर तैयार हुआ तो इस संस्था को गंगा गोल्डन हाईस्कूल में क्रमोन्नत कर नये भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। यह विद्यालय गंगा गोल्डन हाईस्कूल , मल्टी पर्पज हाईस्कूल , हायर सैकण्डरी स्कूल और सीनियर हायर सैकण्डरी स्कूल आदि अनेक नामों को धारित करता रहा पर PCB शब्द सदा ही सुहागन के श्रृंगार की तरह इसका मान बढ़ाता रहा।
1958 में यह विद्यालय हायर सैकण्डरी और 1989 में सीनियर सैकण्डरी स्कूल में क्रमोन्नत हुआ। वर्तमान में इस विद्यालय में 55 बड़े कक्ष , 2 बड़े हॉल , एक बड़ा छात्रावास , सभी खेलों के मैदान और सुसज्जित बड़ा प्रांगण है। इस विद्यालय में रसायन , भौतिक , जीवविज्ञान और कम्प्यूटर विज्ञान की समस्त सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाओं के साथ-साथ इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पुस्तकालय है जिसमें 1932 में दर्ज की हुई प्रथम पुस्तक , जिसका शीर्षक है - MY FIRST BOOK , आज भी मौजूद है। इस पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या लाखों में है।
PCB यानि पूनम चन्द बगड़िया। वैसे तो बगड़िया परिवार आज वटवृक्ष की तरह वृहद रूप धारण कर चुका है , किन्तु शाखा विशेष की बात करें तो स्वर्गीय तोलाराम बगड़िया के पांच पुत्रों में से एक थे - सुजानमल। सुजानमल के पांच पुत्रों में से एक थे - प्रतापमल। प्रतापमल के दो पुत्रों में से एक हुए - पूनमचन्द , जिनके नाम से ये विद्यालय संचालित है। पूनमचन्द के दो पुत्रों में से एक का नाम हैं - शिवप्रसाद जो इस संस्था के भामाशाह है। आपके दो पुत्र है - संजय और सत्यम। इनका कलकत्ता में बड़ा व्यापार है। ऐसे महान भामाशाहों के लिए यह विद्यालय उनकी उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए ईश्वर से कामना करता है।
राजश्री बीकानेर नें 1884 में सुजानगढ़ की पहली स्कूल " ग्रामीण पौशाल " खोली। मिडिल स्कूल की अवस्था तक यह विद्यालय पुरानें गढ़ में चलता था। 1937 में महाराजा गंगासिंह नें बीकानेर राज की स्वर्ण जयन्ती मनाई , उसी समय बगड़िया परिवार नें नए भवन के निर्माण का संकल्प ले लिया था। जब 1939 में भवन बनकर तैयार हुआ तो इस संस्था को गंगा गोल्डन हाईस्कूल में क्रमोन्नत कर नये भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। यह विद्यालय गंगा गोल्डन हाईस्कूल , मल्टी पर्पज हाईस्कूल , हायर सैकण्डरी स्कूल और सीनियर हायर सैकण्डरी स्कूल आदि अनेक नामों को धारित करता रहा पर PCB शब्द सदा ही सुहागन के श्रृंगार की तरह इसका मान बढ़ाता रहा।
1958 में यह विद्यालय हायर सैकण्डरी और 1989 में सीनियर सैकण्डरी स्कूल में क्रमोन्नत हुआ। वर्तमान में इस विद्यालय में 55 बड़े कक्ष , 2 बड़े हॉल , एक बड़ा छात्रावास , सभी खेलों के मैदान और सुसज्जित बड़ा प्रांगण है। इस विद्यालय में रसायन , भौतिक , जीवविज्ञान और कम्प्यूटर विज्ञान की समस्त सुविधाओं से युक्त प्रयोगशालाओं के साथ-साथ इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पुस्तकालय है जिसमें 1932 में दर्ज की हुई प्रथम पुस्तक , जिसका शीर्षक है - MY FIRST BOOK , आज भी मौजूद है। इस पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या लाखों में है।
PCB यानि पूनम चन्द बगड़िया। वैसे तो बगड़िया परिवार आज वटवृक्ष की तरह वृहद रूप धारण कर चुका है , किन्तु शाखा विशेष की बात करें तो स्वर्गीय तोलाराम बगड़िया के पांच पुत्रों में से एक थे - सुजानमल। सुजानमल के पांच पुत्रों में से एक थे - प्रतापमल। प्रतापमल के दो पुत्रों में से एक हुए - पूनमचन्द , जिनके नाम से ये विद्यालय संचालित है। पूनमचन्द के दो पुत्रों में से एक का नाम हैं - शिवप्रसाद जो इस संस्था के भामाशाह है। आपके दो पुत्र है - संजय और सत्यम। इनका कलकत्ता में बड़ा व्यापार है। ऐसे महान भामाशाहों के लिए यह विद्यालय उनकी उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए ईश्वर से कामना करता है।

Popular Business in sujangarh By 5ndspot

© 2024 FindSpot. All rights reserved.